चमत्कारी वन की कहानी

वन के अंदर, जहाँ सूरज की किरणें भी मुश्किल से पहुँच पाती थीं,  एक चमत्कारी स्थान था। इस वन का नाम था  "जादुई वन"

यह वन अपने चमकते हुए झरनों और अनोखे पेड़ों के लिए प्रसिद्ध था।  हर कोई कहता था कि यहाँ की हवा में भी जादू था।

एक दिन, एक छोटा खरगोश जिसका फर चमक रहा था, अपने दोस्तों के साथ खेल रहा था।  अचानक उसे एक अनोखा रास्ता दिखाई दिया।

खरगोश ने उस रास्ते पर चलने का फैसला किया।  आगे बढ़ते ही, उसे बहुत सारी अद्भुत चीज़ें दिखाई देने लगीं -  पेड़ जो बातें कर सकते थे और पक्षी जो गीत गा सकते थे।

आखिरकार, उसने एक समझदार बूढ़े उल्लू से मुलाकात की।  उल्लू ने उसे बताया कि इस वनों में एक छुपा हुआ खजाना है, लेकिन उसे पाने के लिए दिल से मेहनत करनी होगी और नेकदिल होना पड़ेगा।

खरगोश ने उल्लू की बात मानी और अपने दिल की अच्छाई से जादुई पेड़ के दरवाजों को खोला।  अंदर उसने पाया अनगिनत खजाने और जादुई संसार का रहस्य।

इस रोमांचक यात्रा में उसे समझ आया कि असली खजाना अपने दोस्तों की मदद करना और उनसे प्यार करना ही है।  खरगोश ने पूरे वन के साथ यह खजाना साझा किया और जादुई वन हमेशा के लिए खुशहाल बन गया।