दिशा और आयान की प्रेम कहानी करवट ले चुकी थी जब दिशा को पता चला कि वह आयान के बच्चे की माँ बनने वाली है। उनका प्रेम, जो कभी कॉलेज की चहल-पहल में परवान चढ़ा था, अब असल ज़िंदगी की कठिन परीक्षा में खड़ा था।
हर बार की तरह जब वह आयान से मिली और उसे गर्भवती होने की खबर दी, तो आयान के चेहरे का रंग उड़ गया। उसने जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया और दिशा पर आरोप लगाया कि यह सब उसकी चाल है। दिशा, जिसने आयान पर अगाध प्रेम किया था, उसके लिए ये एक गहरा धोखा था।
उसने आयान को समझाने की कोशिश की, लेकिन आयान ने उसे छोड़ने का निर्णय लिया। अकेली और निराश दिशा ने अपने बच्चे को अकेले पालने का निर्णय लिया। तब उसकी मुलाकात एक सामाजिक कार्यकर्ता से हुई जिसने उसे अधिकारों और कानून की जानकारी दी।
दिशा ने आयान के खिलाफ कानूनी लड़ाई शुरू की। मुकदमे के दौरान, कड़वे सच और आरोपों की बौछार हुई, लेकिन अंत में सत्य की जीत हुई। दिशा को न्याय मिला और आयान को अपनी जिम्मेदारी उठानी पड़ी।
यह कहानी सिर्फ एक प्रेम कहानी की त्रासदी नहीं, बल्कि एक युवती के संघर्ष और सशक्तिकरण की कहानी है।