एक घना और हरा-भरा जंगल था जिसकी हरियाली और खुशहाली के चर्चे दूर-दूर तक फैले हुए थे। इस जंगल में विभिन्न प्रकार के जानवर रहते थे। इन जानवरों में से चार विशेष दोस्त थे: बंटी खरगोश, चिंटू कछुआ, गोलू हाथी और पिंकी चिड़िया। ये चारों आपस में बहुत अच्छे दोस्त थे और एक-दूसरे की मदद करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे।
बंटी खरगोश अपनी तीव्र गति के लिए जाना जाता था। वह दौड़ने में माहिर था और अपनी तीव्रता के कारण हमेशा अपने दोस्तों को परेशान होने से पहले ही शिकार या अन्य खतरों की जानकारी दे देता था। चिंटू कछुआ धीरे-धीरे लेकिन धैर्यपूर्वक चलता था। उसने अपने धैर्य से अपने दोस्तों को सिखाया कि जल्दबाज़ी में किए गए काम हमेशा अच्छे नहीं होते। गोलू हाथी जंगल का सबसे मजबूत जानवर था और उसकी शक्ति से वह अपने दोस्तों की कई बार रक्षा कर चुका था। पिंकी चिड़िया आसमान में बहुत तेज उड़ान भरती थी और अपनी चपलता से जंगल की ऊंचाइयों से हर कोने की निगरानी करती थी, जिससे वह अपने दोस्तों को आगे की समस्याओं के बारे में सचेत कर देती थी।
एक दिन, जंगल में एक बड़ा और भयानक शेर आया। शेर ने घोषणा की कि वह इस जंगल का नया राजा है और अब सभी जानवरों को उसकी सेवा करनी होगी। जंगल में हड़कंप मच गया और सभी जानवर डर गए। हर कोई सोच रहा था कि अब क्या होगा। इस संकट के समय में, बंटी, चिंटू, गोलू और पिंकी ने मिलकर एक योजना बनाई।
बंटी ने कहा, “मैं शेर का ध्यान भटकाऊंगा और उसे जंगल के उस हिस्से में ले जाऊंगा जहां एक बड़ा गड्ढा है। जब शेर वहां पहुंचेगा, तो चिंटू उसे उस गड्ढे में गिराने की कोशिश करेगा।”
चिंटू ने हामी भरी और कहा, “बिल्कुल, मैं उस गड्ढे को और गहरा बनाऊंगा ताकि शेर उसमें से बाहर न निकल सके।”
गोलू ने गर्व से कहा, “मैं अपने मजबूत शरीर से शेर को गड्ढे में डाल दूंगा और ऊपर एक बड़ा पत्थर रख दूंगा ताकि वह बाहर न आ सके।”
पिंकी ने सुझाया, “मैं आकाश से निगरानी करूंगी और अगर शेर किसी और दिशा में भागता है तो मैं तुम्हें सचेत कर दूंगी।”
योजना के अनुसार, बंटी ने शेर का ध्यान भटकाते हुए उसे गड्ढे की ओर भागाया। शेर तेजी से उसके पीछे दौड़ा और सोचने लगा कि इस छोटे से खरगोश को पकड़ना कितना आसान है। लेकिन बंटी बहुत ही चालाक था और उसने शेर को गड्ढे के पास लाकर तेज़ी से लपक कर एक तरफ हो गया।
जैसे ही शेर उस गड्ढे के पास पहुंचा, चिंटू ने पहले से खोदकर तैयार किए हुए गड्ढे को ढक दिया और शेर उसमें गिर गया। शेर ने खुद को गहरे गड्ढे में पाया और बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं मिल पाया। तभी गोलू हाथी ने अपनी ताकत का उपयोग करते हुए गड्ढे के ऊपर एक भारी पत्थर रख दिया, जिससे शेर बाहर नहीं निकल पाया। पिंकी चिड़िया ने अपनी तरफ से आकाश में उड़ान भरी और पूरे जंगल में घोषणा की कि शेर अब फँस चुका है और सभी जानवर अब सुरक्षित हैं।
सभी जानवरों ने राहत की सांस ली और बंटी, चिंटू, गोलू और पिंकी के साहस और बुद्धिमानी की प्रशंसा की। इन चार दोस्तों ने दिखा दिया कि सच्ची दोस्ती और समझ से किसी भी कठिनाई को पार किया जा सकता है। इस घटना के बाद, जंगल के सभी जानवर और भी अच्छे दोस्त बन गए और एक दूसरे की मदद करने का संकल्प लिया।
कुछ समय बाद, शेर ने अपनी गलती मानी और जंगल के जानवरों से माफी मांगी। उसने कहा कि वह अब और किसी को नुकसान नहीं पहुंचाएगा और जंगल का हिस्सा बनकर सबके साथ मिलकर रहेगा। जानवरों ने शेर को एक मौका दिया और उसे गड्ढे से बाहर आने दिया। जल्द ही, शेर ने अपने वादे निभाए और जंगल में शांति और खुशहाली लौट आई।
इस प्रकार, जानवरों की दोस्ती ने सिखाया कि मिलकर काम करने से बड़ी से बड़ी मुसीबत को भी पार किया जा सकता है। यह कहानी बच्चों को सिखाती है कि सच्ची मित्रता और सहयोग से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है। सच्चे दोस्त वही होते हैं जो हर मुश्किल में साथ खड़े रहते हैं और सहयोग से किसी भी कठिनाई को हल कर सकते हैं।