समय की गहराइयों में बसा एक संसार,
जहां इतिहास और भविष्य का था अद्भुत आकर।
वहाँ के लोग जीते थे सदियों से,
न कोई उम्र की सीमा, न बदलाव की रेखा बसे।
एक राजा था वहाँ, विद्वान और वीर,
उसकी कहानी में था, ग्यानी और तप का संगमीर।
वह जानता था समय के हर पहलू को,
उसके राज्य में समय चक्र का नहीं था कोई बंधन शोको।
राजा के पास था एक जादुई आयना,
जिसमें वह देख सकता था हर युग का छुपा कोई कोना।
उस आयने में कई धाराओं का संगम दिखता,
प्राचीन काल से लेकर आने वाले कल का हर सवेरा उसमें बिकता।
परेशानी तब आई जब एक दिन आयना टूटा,
समय के ताने-बाने से राज्य सख्ती से झूटा।
राजा के सामने आ गई समस्या बड़ी,
कैसे जोड़े उस आयने को, उसकी हर कड़ी।
राजा ने अपने राज्य के बुद्धिमानों को बुलाया,
समय के आयने को फिर से जोड़ने का मार्ग खोजने को कहा।
विद्वानों ने किया मंथन, और एक उपाय निकाला,
समय के तत्वों को समेटने का एक जादुई तला।
उन्होंने इकट्ठा किया समय के स्रोत से अमृत,
और बनाया उससे एक औषधीय लेप अतिवृत।
उस लेप से राजा के छूते ही आयना जुड़ने लगा,
समय की धाराएँ फिर से एक हो उठीं, नया सवेरा जगा।
राज्य में फिर से स्थिरता और शांति छा गई,
हर युग की गाथा को उस आयने में एक बार फिर आश्रय मिला।
तब से ये कहानी सदा के लिए अमर हो गई,
अनंत काल की गाथा के रूप में, जो हर दिल में बस गई।