एक छोटे शहर की कहानी है, जहां के दो लोगों के दोस्ती की पुरानी कहानी है। विक्रम और अमित, ये दोनों हमेशा साथ में थे, जैसे दो साथी काम का जोड़ होते हैं। उनकी दोस्ती में ईमानदारी और साथीपन की भावना थी।
एक दिन, विक्रम की जिंदगी में एक अनुप्रिय बदलाव आया। उसकी नज़रें अपने दोस्त अमित की पत्नी अनुषा पर गई। अनुषा, एक सुंदर और साहसिक महिला थी, जिसकी मुस्कान और आँखों में खोई हुई एक अलग ही कहानी थी। विक्रम के लिए, यह केवल एक दोस्त की पत्नी नहीं थी, बल्कि उसके लिए एक नया आकर्षण और रहस्यमय सपनों का दरवाज़ा भी था।
शुरुआत में, यह आत्मा के भीतर की एक छोटी-सी चीख ही थी, लेकिन धीरे-धीरे विक्रम के लिए यह आदत बन गई। उसका मन अनुषा के प्रति प्रेम में लिप्त हो गया था। परंतु, उसकी यह भावना केवल उसके अंदर ही रह गई थी।
अनुषा भी इस नई रुचि के प्रति अनुभवी थी, और वह विक्रम के साथ अपने विचारों और भावनाओं को साझा करने लगी थी। उनकी बातचीत शुरू होती, और फिर धीरे-धीरे वे एक-दूसरे के ख्यालों में खो जाते।
विक्रम को अपने दोस्त के साथ इस नए संबंध के अपने विचारों को बांधने की कोई आवश्यकता महसूस नहीं हुई। लेकिन, जैसे ही अमित की आँखों में यह सच्चाई दिखाई दी, उसकी दोस्ती की दुनिया में तूफान आ गया।
अमित को पहले से ही संदेह था, लेकिन जब उसने अपनी पत्नी और दोस्त को साथ में देखा, तो उसके दिल के धड़कने रुक गई। उसके लिए यह अचानक आ रही सच्चाई एक बड़ी चोट थी, जिसने उसकी दोस्ती को दाग लगा दिया।
सच्चाई सामने आई और दोस्तों के बीच की इस प्रेम कहानी में दरारें आने लगीं। विक्रम को अपने किए के पछतावे होने लगे, और अमित को अपनी पत्नी के विश्वासघात का दर्द झेलना पड़ा।
इस कहानी में प्रेम, धोखा, और दोस्ती के बारे में एक अनोखी सीख है। क्या विक्रम और अमित की दोस्ती इस अफेयर के बाद भी टिक पाएगी? या इस सच्चाई ने उनकी दोस्ती को हमेशा के लिए टूट दिया?