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जंगल में खोया खज़ाना (The Lost Treasure in the Jungle)

The Lost Treasure in the Jungle

बहुत समय पहले की बात है, एक छोटे से गाँव में एक बहादुर लड़का रहता था जिसका नाम अर्जुन था। अर्जुन का सपना था कि वह एक दिन जंगल में जाकर खोए हुए खज़ाने को खोजेगा। गाँव के बुजुर्गों के अनुसार, पास के घने जंगल में एक प्राचीन खज़ाना छिपा हुआ था, जिसे कोई भी नहीं पा सका था।

एक दिन अर्जुन ने निश्चय किया कि वह इस खज़ाने को खोजने निकलेगा। उसने अपने मित्रों, मीना और रोहन, के साथ इस रोमांचक यात्रा पर जाने का निर्णय लिया। तीनों दोस्त अपने-अपने सामान के साथ तैयार हो गए और सुबह-सुबह ही जंगल की ओर निकल पड़े।

जंगल में प्रवेश करते ही उन्हें एक अजीब सी शांति महसूस हुई। चारों ओर बड़े-बड़े पेड़, झाड़ियाँ और अनगिनत पक्षियों की चहचहाहट थी। धीरे-धीरे वे जंगल के अंदर गहराई में जाने लगे। रास्ते में अर्जुन ने अपने दादा जी द्वारा दी गई नक्शे को ध्यान से देखा। नक्शे पर एक पुरानी पेड़ की तस्वीर बनी थी जिस पर एक विशेष चिन्ह था।

चलते-चलते उन्हें एक पुराना, विशालकाय पेड़ दिखाई दिया। पेड़ के तने पर वही चिन्ह भी बना हुआ था जैसा नक्शे में था। वे तीनों बहुत उत्साहित हुए और पेड़ के चारों ओर ध्यान से देखना शुरू किया। अचानक रोहन को पेड़ के पास एक छोटा सा दरवाजा दिखाई दिया। दरवाजा बहुत पुराना और धूल भरा था। उन्होंने दरवाजा खोलने की कोशिश की, लेकिन वह बहुत भारी था।

अर्जुन ने अपने दोस्तों की मदद से दरवाजा खोला और तीनों अंदर प्रवेश किए। अंदर एक लम्बी सुरंग थी जो बहुत अंधेरी थी। उन्होंने अपने टॉर्च जलाए और आगे बढ़ने लगे। सुरंग के अंदर चलते-चलते उन्हें अजीब-अजीब आवाज़ें सुनाई देने लगीं। मीना थोड़ी डर गई, लेकिन अर्जुन और रोहन ने उसे हिम्मत दी।

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थोड़ी देर बाद वे एक बड़े कक्ष में पहुँचे। उस कक्ष के बीचों-बीच एक पुराना, भारी बक्सा रखा हुआ था। बक्से पर एक ताला था, जिसे खोलने के लिए नक्शे में एक रहस्यमयी कोड दिया हुआ था। अर्जुन ने कोड को ध्यान से देखा और ताला खोलने की कोशिश की। थोड़ी सी मेहनत के बाद ताला खुल गया और बक्सा खुल गया।

बक्से के अंदर बहुत सारे सोने-चाँदी के सिक्के, कीमती रत्न और एक सुंदर सा ताज रखा हुआ था। तीनों दोस्त बहुत खुश हुए, लेकिन तभी उन्हें एक और दरवाजा दिखाई दिया। दरवाजा आधा खुला था और उसके पीछे से हल्की सी रोशनी आ रही थी। तीनों ने हिम्मत जुटाई और उस दरवाजे की ओर बढ़े।

दरवाजे के पीछे एक और बड़ा कक्ष था, जिसमें एक प्राचीन मूर्ति रखी हुई थी। मूर्ति के हाथ में एक शिलालेख था, जिस पर लिखा था, “यह खज़ाना उन बहादुरों का है जो अपनी बुद्धिमानी और साहस से इसे ढूंढ पाते हैं।”

अर्जुन, मीना और रोहन ने समझ लिया कि यह खज़ाना सिर्फ दौलत नहीं, बल्कि उनकी हिम्मत और दोस्ती का प्रतीक भी है। उन्होंने खज़ाने को अपने गाँव ले जाने का निश्चय किया ताकि सभी गाँववासी इसका लाभ उठा सकें।

गाँव में पहुँचकर, उन्होंने सभी को अपनी रोमांचक यात्रा की कहानी सुनाई और खज़ाना गाँव के बुजुर्गों को सौंप दिया। गाँववासी बहुत खुश हुए और अर्जुन, मीना और रोहन की बहादुरी की सराहना की।

इस तरह, अर्जुन और उसके दोस्तों ने न केवल खज़ाना पाया, बल्कि सभी के दिलों में अपनी जगह बना ली। उनकी यह रोमांचक यात्रा हमेशा के लिए यादगार बन गई।

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