हर साल की तरह, इस बार भी गर्मियों की छुट्टियाँ आईं और चार दोस्त – आर्यन, सिया, कबीर और मीरा – अपने दादा-दादी के गाँव में छुट्टियाँ बिताने गए। उनका गाँव पहाड़ों और घने जंगलों के बीच बसा हुआ था। गाँव के पास एक पुरानी गुफा थी, जिसे लोग “समय की गुफा” कहते थे। उस गुफा के बारे में कई कहानियाँ थीं, जिनमें से एक यह थी कि वह गुफा समय की यात्रा करा सकती है।
एक दिन, आर्यन, सिया, कबीर और मीरा ने फैसला किया कि वे समय की गुफा की खोज करेंगे और उसके रहस्यों को जानेंगे। वे चारों अपना सामान लेकर गुफा की ओर निकल पड़े।
गुफा के पास पहुँचते ही, उन्होंने देखा कि गुफा का प्रवेश द्वार बहुत ही संकरा था और अंदर से अंधेरा था। उन्होंने अपनी टॉर्च जलाकर अंदर जाने का फैसला किया। जब वे गुफा के अंदर गए, तो उन्हें चारों ओर चमकते हुए क्रिस्टल दिखाई दिए। उन क्रिस्टलों की रोशनी से गुफा के अंदर का रास्ता साफ दिखाई दे रहा था।
चलते-चलते, वे गुफा के एक बड़े कमरे में पहुँचे। वहाँ, उन्होंने एक पुराना और रहस्यमयी पोर्टल देखा। पोर्टल के चारों ओर अजीब सी लिपियाँ लिखी हुई थीं। आर्यन ने कहा, “यह पोर्टल हमें समय की यात्रा पर ले जा सकता है। हमें इसे आजमाना चाहिए।”
सभी ने सहमति जताई और पोर्टल के पास गए। जैसे ही उन्होंने पोर्टल को छुआ, वे चारों एक चमकती रोशनी में घिर गए और अचानक किसी और समय में पहुँच गए। वे एक प्राचीन गाँव में थे, जहाँ लोग पुराने तरीकों से जीवन जी रहे थे।
सिया ने कहा, “हम शायद प्राचीन भारत में आ गए हैं। हमें यहाँ के लोगों से बात करनी चाहिए और जानना चाहिए कि हम यहाँ क्यों आए हैं।”
वे गाँव के लोगों से मिले और उनसे बात की। गाँव के लोगों ने उन्हें बताया कि इस गाँव में एक प्राचीन मंदिर है, जिसमें एक गुप्त खजाना छिपा हुआ है। लेकिन उस मंदिर में जाने के लिए कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है और बहुत कम लोग ही वहाँ तक पहुँच पाते हैं।
कबीर ने कहा, “हमें उस मंदिर की खोज करनी चाहिए। शायद वहीं पर हमें इस गुफा और समय यात्रा के बारे में कुछ और पता चल सके।”
वे चारों मंदिर की ओर चल दिए। रास्ता बहुत कठिन और खतरनाक था, लेकिन वे हार नहीं माने। चलते-चलते, उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा। एक जगह, उन्हें एक विशालकाय सांप मिला जो मंदिर का रक्षक था। मीरा ने अपनी सूझबूझ से सांप को शांत किया और वे आगे बढ़े।
मंदिर के द्वार पर पहुँचकर, उन्होंने देखा कि वहाँ एक पहेली लिखी हुई थी। पहेली को हल किए बिना मंदिर का द्वार नहीं खुल सकता था। पहेली थी: “मैं बिना पंखों के उड़ सकता हूँ, बिना आँखों के देख सकता हूँ, मैं बिना पैरों के दौड़ सकता हूँ, बताओ मैं कौन हूँ?”
आर्यन ने कहा, “ये हवा है!”
जैसे ही आर्यन ने “हवा” कहा, मंदिर का द्वार खुल गया और वे चारों अंदर चले गए। अंदर एक बड़ा सा कमरा था, जिसमें सोने-चाँदी के खजाने भरे हुए थे। लेकिन वहाँ एक और दरवाजा था, जो उन्हें और भी अंदर की ओर ले गया।
अंदर जाकर, उन्होंने देखा कि वहाँ एक पुरानी किताब रखी हुई है। किताब के पन्ने बहुत ही पुरानी और जर्जर हो चुकी थी। उस किताब में गुफा और समय यात्रा के बारे में लिखा हुआ था। उन्होंने जाना कि यह गुफा एक जादुई स्थान है, जो समय की यात्रा करा सकती है। लेकिन इसका उपयोग सिर्फ वही कर सकते हैं, जो दिल से साहसी और सच्चे हों।
आर्यन, सिया, कबीर और मीरा ने उस किताब को ध्यान से पढ़ा और गुफा के रहस्यों को समझा। उन्होंने किताब को सुरक्षित रखा और वापस अपने समय में लौट आए। गाँव के लोगों ने उनकी कहानियों को सुना और उनकी बहादुरी की तारीफ की।
इस तरह, आर्यन, सिया, कबीर और मीरा ने समय की गुफा का रहस्य सुलझा लिया और अपनी साहसिक यात्रा को हमेशा के लिए याद रखा। यह अनुभव उनके जीवन का सबसे अद्भुत और रोमांचक अनुभव बन गया।