Bhootni ki Kahani
समय की बात है, एक प्राचीन गाँव था जिसका नाम था धनपुर। धनपुर चारों तरफ से घने जंगलों से घिरा हुआ था, और उसकी प्राकृतिक सुंदरता के बावजूद, वहाँ एक भयानक रहस्य छिपा हुआ था जो लोगों के मन में भय पैदा करता था। यह रहस्य था एक भूतनी की कहानी (Bhootni Ki Kahani), जिसने गाँव के हर कोने में खलबली मचा रखी थी।
गाँव के बुजुर्गों के अनुसार, यह भूतनी बहुत समय पहले गाँव में एक लड़की थी जिसका नाम था माया। माया एक सुंदर, हंसमुख और संवेदनशील लड़की थी। उसकी शादी गाँव के सबसे प्रतिष्ठित परिवार में तय हुई थी। लेकिन एक दुष्ट ताकत ने उसकी खुशियों को तबाह कर दिया। उसकी शादी के ठीक एक दिन पहले, माया की रहस्यमयी तरीके से मौत हो गई।
उसके बाद से ही, गाँव में अजीब और भयानक घटनाएं होने लगीं। लोग कहते थे कि रात में उन्होंने माया की आत्मा को देखा है – एक भूतनी के रूप में। लोग कहते थे कि चांदनी रात में एक सफेद साड़ी पहने, लंबे काले बालों वाली स्त्री गाँव के चारों तरफ मंडराती है। उसकी आँखें चमकती हैं और उसके चेहरे पर एक गहरी उदासी दिखती है।
गाँव के पुजारी, पंडित हरिहरनाथ ने बताया, “मैंने खुद माया की आत्मा को देखा है। उसकी आँखों में गहरी उदासी और दर्द दिखता है।”
गाँव के कुछ साहसी युवकों ने एक बार उस आत्मा से मिलकर सच्चाई जानने की ठानी। एक रात, जब चांदनी अपनी पूरी रोशनी फैला रही थी, ये युवक उस जगह पहुंचे जहाँ माया की आत्मा अक्सर देखी जाती थी। वे उस जगह पहुंचे और आवाज दी, “माया, हमें बताओ तुम क्या चाहती हो।”
अचानक ही माया की आत्मा प्रकट हुई। उसकी आँखों में आँसू थे और उसने कहा, “मेरी आत्मा को शांति नहीं मिली है। मुझे न्याय चाहिए।”
युवकों ने हिम्मत करके पूछा, “हमें बताओ हम क्या कर सकते हैं ताकि तुम्हारी आत्मा को शांति मिले?”
माया की आत्मा ने धीरे-धीरे कहा, “मेरी मौत कोई दुर्घटना नहीं थी। मुझे मार दिया गया था। मेरी आत्मा को तब ही शांति मिलेगी जब मेरा हत्यारा सजा पाएगा।”
युवकों ने माया की बातों को गाँव के बुजुर्गों और अध्यक्ष को बताया। सभी ने मिलकर जांच का फैसला किया और सचाई सामने आई। माया की हत्या उसके ही परिवार के सदस्य ने की थी, जो उसकी संपत्ति हड़पना चाहता था।
गाँव वालों ने पुलिस को सारी हकीकत बताई और हत्यारे को गिरफ्तार कराया गया। माया की आत्मा को आखिरकार न्याय मिला और वह अपने शांति के निवास की ओर चली गई।
उसके बाद से गाँव में भूतनी की घटनाएँ और उसके प्रकट होने की खबरें आनी बंद हो गईं। गाँव के लोग फिर से अपने सामान्य जीवन में लौट आए।
इस प्रकार, ‘भूतनी की कहानी (Bhootni Ki Kahani)’ ने लोगों को सत्य और न्याय की शक्ति दिखाई। माया की आत्मा को उसका हक मिला और गाँव फिर से सुख-शांतिपूर्ण बन गया।