अलिफ लैला की दुनिया में हमें बहुत सी अनोखी कहानियाँ सुनने को मिलती हैं, आज मैं आपको उस अद्भुत कहानी का किस्सा सुनाऊँगा जिसमें जादुई चिराग और एक फ़कीर की बातें शामिल हैं।
एक समय की बात है, बगदाद शहर में अलादीन नामका एक गरीब लड़का रहता था। उसका जन्म बहुत ही साधारण घर में हुआ था, और उसके पिता की मृत्यु के बाद उसकी माँ ने बहुत मेहनत से उसकी परवरिश की थी। अलादीन अपनी माँ का इकलौता सहारा था और वह अपनी माँ के लिए हर संभव मेहनत करके उनके लिए रोटी का इंतज़ाम करता था।
एक दिन अलादीन बजार में फल बेच रहा था, तभी एक फकीर उसके पास आया और उससे कहा, “अलादीन, मैं तुम्हें एक धन-दौलत से भरी जगह ले जा सकता हूँ, लेकिन तुम्हे मेरे साथ एक गुफा तक आना होगा।” अलादीन को लालच आया और वह फकीर के साथ उस गुफा तक गया।
जब वे गुफा के पास पहुंचे तो फकीर ने कुछ जादुई मंत्र पढ़े और गुफा का द्वार खुल गया। फकीर ने अलादीन से कहा, “इस गुफा में एक जादुई चिराग है, तुम उसे लाओ और मेरे पास ले आओ, बाकी सब सोना तुम्हारा होगा।” अलादीन ने फकीर की बात मानी और गुफा में प्रवेश किया।
गुफा के अंदर अलादीन ने देखा कि चारों तरफ़ सोने की चमक बिखरी पड़ी है। वह उन सबको नजरअंदाज करते हुए आगे बढ़ा और आखिर में उसे वह जादुई चिराग मिल गया, जो बेहद साधारण दिखने वाला था। अलादीन ने चिराग उठाया और वापस जाने लगा। रास्ते में उसके हाथों की उंगलियाँ चिराग से रगड़ खाई और अचानक से चिराग से धुआं निकला और एक जिन्न प्रकट हुआ।
जिन्न ने कहा, “मैं चिराग का जिन्न हूँ, तुम्हारी तीन इच्छाएँ पूरी कर सकता हूँ।”
अलादीन ने जिन्न को सामने देखकर अचरज से चिराग़ की ओर देखा। उसने सोचा कि वह स्वप्न देख रहा है या वास्तव में यह सब कुछ हो रहा है। जिन्न के शब्दों पर विचार करते हुए अलादीन ने कहा, “मैं चाहता हूँ कि तुम मुझे इस गुफा से बहार निकालो, सकुशल मेरे घर तक पहुंचाओ।”
जैसे ही अलादीन ने अपनी पहली इच्छा जाहिर की, जिन्न ने उसकी इच्छा पूरी कर दी और अलादीन को उसके घर के दरवाजे पर पहुंचा दिया। अलादीन अपने घर पहुँचकर माँ से मिला और उन्हें पूरी कहानी सुनाई। उसकी माँ चिराग को संजीवनी समझने लगीं।
अगले दिन अलादीन ने चिराग को पॉलिश किया और जिन्न पुनः प्रकट हुआ। अलादीन ने अपनी दूसरी इच्छा बताई, “मैं चाहता हूँ कि तुम मेरी माँ और मुझे एक ऐसा महल दो जो इस दुनिया में सबसे भव्य हो।” जिन्न ने फिर से उसकी इच्छा पूरी की और एक शानदार महल उपस्थित कर दिया।
अलादीन अब एक धनवान शहजादे की तरह अपनी माँ के साथ उस महल में रहने लगा। उसकी शानो-शौकत की खबर पूरे शहर में फैल गई और राजवंश भी उसकी ओर ध्यान देने लगा। इसी बीच अलादीन ने सुल्तान की बेटी जस्मीन को दिल दे बैठा। उसने जिन्न से अपनी तीसरी और आखिरी इच्छा के रूप में जस्मीन से विवाह की इच्छा प्रकट की।
जिन्न ने उसकी इच्छा को साकार किया और अलादीन एक भव्य विवाह समारोह के बाद सुल्तान का दामाद बन गया। उनकी शादी में सारे शहर ने भाग लिया और यह शादी एक अद्भुत कहानी के रूप में इतिहास में दर्ज हो गई। अलादीन और जस्मीन ने बड़े प्रेम के साथ अपनी ज़िंदगी बिताई, और उनके महल में खुशियाँ हमेशा बनी रहीं।
लेकिन कहानी यहाँ खत्म नहीं होती, क्योंकि फकीर की बुरी नियत अभी भी अलादीन के चिराग के पीछे थी। वह जीवन भर उस चिराग को पाने की कोशिश में लगा रहा।
क्या अलादीन और उसकी खुशियाँ सुरक्षित रहेंगी? क्या फकीर उस जादुई चिराग़ का मालिक बन पायेगा, या अलादीन की अच्छाई की जीत होगी? यह एक और किस्सा है, जिसकी चर्चा हम किसी और दिन करेंगे।
अलादीन की अनोखी दास्ताँ आज भी बगदाद की गलियों में कही जाती है, क्योंकि यह सिखाती है कि जीवन में साहस और अच्छाई के साथ हर मुश्किल को पार किया जा सकता है।