एक मनोहर सुबह, मुंबई की धड़कनों में बसी एक राजकुमारियों की कथा शुरु होती है। इशिका, एक खूबसूरत और जानी-मानी उद्योगपति की बेटी थी। उसका जीवन चकाचौंध और आडम्बर से भरा हुआ था, लेकिन उसका दिल सच्ची भावनाओं और प्रामाणिकता की तलाश में था।
वहीं शहर के दूसरी ओर विवान था, जो एक प्रसिद्ध डीटेक्टिव था। उसकी जिंदगी अपराध की गुत्थियों को सुलझाने और सच्चाई को सामने लाने में बीत रही थी।
इशिका और विवान का पहली बार आमना-सामना एक सामाजिक कार्यक्रम में हुआ, जहां इशिका की सुंदरता और विवान की संजीदगी ने एक-दूसरे का ध्यान खींचा। कुछ ही मुलाकातों में यह सिर्फ आकर्षण नहीं रहा और दोनों अनजाने में एक-दूसरे के लिए गहरे भावनाएं निर्मित कर बैठे।
इसी बीच, मुंबई में कुछ रहस्यमयी हत्याएं शुरू हो गईं, और विवान उस केस को हल करने के लिए लगा दिया गया। जैसे-जैसे विवान अपराध की गहराई में उतरता गया, वैसे-वैसे सुराग इशिका के परिवार की ओर इशारा करने लगे।
इशिका की जिंदगी में उथल-पुथल मच गई जब उसके सबसे करीबी अंकल का शव उनके ही बागीचे में मिला। सबूत इशारा कर रहे थे कि हत्यारा परिवार में ही कोई है। इशिका का पिता बेचैन था, और उसने इशिका और विवान के मिलने पर रोक लगा दी, उन्हें शक था कि विवान के कारण परिवार की इज्जत दांव पर लगी थी।
लेकिन प्यार के लिए कोई भी बाधा अधिक बड़ी नहीं होती। इशिका और विवान चोरी-छिपे मिलने लगे, और विवान इशिका को भरोसे में लेकर केस की जांच करने लगा।
रात के अंधेरे में एक-दूसरे की मदद से उन्होंने सुरागों को जोड़ा, और एक दिन उन्हें वह अहम सबूत मिला जिसने सारी कहानी बदल दी। यह सबूत इशिका के किसी करीबी की तरफ इशारा नहीं कर रहा था बल्कि यह एक ऐसी साजिश का पर्दाफ़ाश करता था जिसे एक प्रतिद्वन्द्वी व्यापारी ने रचा था।
सच्चाई सामने आते ही इशिका के परिवार को सुकून मिला, और विवान के प्यार और समर्पण को देखते हुए इशिका के पिता भी पिघल गए। इशिका और विवान ने साबित कर दिया कि सच्चा प्रेम न केवल दो लोगों को बल्कि परिवारों और समाज को भी जोड़ सकता है।
इस तरह इशिका और विवान की प्रेम कहानी क्राइम और प्रेम का पूर्ण मिश्रण बन गई, और उनका प्यार एक दंतकथा की तरह मुंबई के हर दिल में बस गया।