कहानी: साहसी बंदर और उसका जादुई जंगल
एक समय की बात है, एक छोटा सा बंदर था जिसका नाम मोती था। मोती बहुत ही नटखट और साहसी था। वह हमेशा नए-नए रोमांच की खोज में लगा रहता था। मोती एक बड़े और घने जंगल में रहता था, जिसे लोग जादुई जंगल कहते थे। इस जंगल में अनेक रहस्यमयी बातें थीं जिन्हें जानने के लिए हर कोई उत्सुक रहता था।
मोती की पहली खोज
एक दिन, मोती ने तय किया कि वह जंगल के गहरे हिस्से में जाएगा, जहां अब तक कोई जानवर नहीं गया था। मोती ने अपने दोस्तों से अलविदा कहकर सफर शुरू किया। चलते-चलते मोती को एक पुराना दरवाज़ा मिला, जिस पर जादुई चिन्ह बने हुए थे। यह दरवाज़ा किसी प्राचीन कालीन मंदिर का हिस्सा लग रहा था। मोती ने हिम्मत जुटाकर दरवाज़ा खोला तो एक अद्भुत दृश्य उसके सामने था।
दरवाजे के भीतर एक और दुनिया थी, जहां मोती ने कई जादुई प्राणियों को देखा। वहां एक जादुई हिला हुआ था जो मनचाही जगह पर ले जाता था। मोती ने उस हिले को छुआ और अचानक वह एक सुन्दर सी नदी के किनारे पर था। नदी के पास एक सुनहरी मछली थी, जिसने मोती से कहा, “मैं तुम्हें एक विशेष रहस्य बता सकती हूँ, पर तुम्हें मेरी मदद करनी होगी।”
विशेष रहस्य की खोज
मोती ने सहर्ष उसकी मदद करने की बात कह दी। सुनहरी मछली ने बताया कि नदी के उस पार एक बड़ा खजाना है, लेकिन उसे पाना किसी महापुरुष के बस की बात है। मोती ने अपनी हिम्मत दिखाई और नदी के उस पार जाने का फैसला किया। नदी को पार करते ही मोती ने देखा कि वहाँ एक विशाल पेड़ के नीचे एक चमचमाती चीज़ छिपी हुई थी।
मोती ने अपनी चपलता से खजाने को निकालने की कोशिश शुरू कर दी। उसने देखा कि खजाने पर एक प्राचीन मंत्र लिखा हुआ था। मोती ने वह मंत्र पढ़ा और खजाने को छु लिया। तभी एक रोशनी का फव्वारा निकला और एक जादुई प्राणी प्रकट हुआ।
प्राणी ने कहा, “तुमने अपनी साहस और मदद करने की प्रवृत्ति से यह खजाना पा लिया है। अब यह खजाना तुम्हारा है।”
दोस्ती का सबक
खजाने के साथ-साथ मोती की मित्रता भी परखी जाने वाली थी। उसे यह समझ आया कि खजाना सिर्फ सोने-चांदी का नहीं होता; सच्चे दोस्त और अच्छाई भी खजाने के रूप में होती है।
जब मोती जंगल से वापस आया, तो उसने अपने सभी दोस्तों को अपने अभूतपूर्व अनुभवों के बारे में बताया। उसके दोस्तों ने उसकी बातें ध्यानपूर्वक सुनीं और उसे इस साहसिक कारनामे के लिए सम्मानित किया।
मोती की वापसी
सबके सामने मोती ने घोषणा की कि वह खजाने का एक हिस्सा अपने दोस्तों के साथ मिल-बांट कर इस्तेमाल करेगा। सबसे पहले उसने अपने दोस्तों को जादुई खजाना दिखाया और फिर उस खजाने से जो विशेष वस्तुएं थीं, उन्हें उनके साथ बांटने का निर्णय लिया।
उसने कुछ हिस्से का उपयोग जंगल के विकास और सुरक्षा के लिए भी किया। उसने कुछ धन से पेड़ों की रक्षा और जंगली जानवरों के लिए विभिन्न सहायता अभियानों की शुरुआत की।
खुशहाल समापन
मोती की उदारता और साहस के चलते वह जंगल और उसके साथी जंगली जीवों के दिल में बस गया। अब हर कोई उसे एक महानायक के रूप में देखता था जिसने न केवल साहस का परिचय दिया बल्कि अपने दोस्तों और जंगल के भले के लिए काम किया।
इस घटना के बाद, मोती कभी-कभी फिर से उसी जादुई दरवाजे से होकर अपनी रोमांचक यात्रा पर निकलता और नए रहस्यों की खोज करता। हर बार वह अपने दोस्तों के लिए नई-नई कहानियां और उपहार लेकर लौटता।
अंतिम सबक
इस कहानी से हमें यही सिखने को मिलता है कि हमें हमेशा साहसी और उदार होना चाहिए। सच्चा खजाना वह है जो हमारी अच्छाइयों और हमारे दोस्तों के साथ साझा किया जाता है। हिम्मत और दयालुता से ही हम अपने जीवन को नया आयाम दे सकते हैं।