बहुत समय पहले की बात है, एक खूबसूरत और रहस्यमय धरती पर ‘अलिफ लैला’ की अद्भुत गाथाएं चलती थीं। इस धरती पर एक ऐसा शहर था जिसकी गलियों में रेत के धूल भरे बवंडर खेलते थे और जहाँ के राज महल में सजीव कथाएं बुनी जाती थीं।
इस महल का शासक, सुल्तान सुलेमान था, जिसका दिल एक पुराने विश्वासघात से पत्थर की तरह कठोर हो चुका था। उसे विश्वास था कि हर एक स्त्री में धोखा बसता है, इसलिए उसने यह निर्णय लिया कि वह हर रात एक नई रानी से विवाह करेगा और अगली सुबह उसकी जान ले लेगा। मगर इस अंधेरे चक्र में एक किरण थी, वज़ीर की बेटी, सुंदर और बुद्धिमान शहरज़ाद। उसने एक ऐसी योजना बनाई जो खुद उसकी जान के लिए खतरनाक थी और साथ ही उसके राज्य के कल्याण की एकमात्र आशा भी।
शहरज़ाद ने अपनी कहानियों में शरण ढूंढी, क्योंकि उसके पास एक पूरे पुस्तकालय जितना ज्ञान था और उसकी कथाएं बहुत ही मनमोहक थीं। अपनी शादी की पहली रात, उसने एक ऐसी कहानी शुरू की जिससे सुल्तान मंत्र-मुग्ध हो गया। उसने सुनाई एक परियों की कहानी जो एक निर्धन राजकुमार, जादुई उड़न तश्तरी, और उस चालाक जिन्नी की थी, जिसने उसे एक रहस्यमय खजाना खोजने में मदद की।
कहानी के मोड़ पर आकर शहरज़ाद रुक गई। उसके धीरे-धीरे बंद होते होंठों पर एक सूक्ष्म मुस्कान थी, मानो वह सुल्तान की आंखों में उत्सुकता की चमक देख सकती थी। सूर्योदय से पहले ही सुल्तान ने अधीरता से आग्रह किया, “फिर क्या हुआ?” लेकिन शहरज़ाद ने अनजान बनते हुए कहा, “रात ढल चुकी है, और अब हमें विश्राम करना होगा।”
ऐसे ही, हर रात एक नई कहानी शुरू होती, हर रात एक नया रोमांच और हर सुबह एक नया उत्सुकता स्वप्न। एक हज़ार और एक रात बीत गईं, शहरज़ाद की अनोखी कहानियां सुनते-सुनते सुल्तान का कठोर हृदय पिघलने लगा। उसने अपनी संगीन नीतियों को त्याग दिया और उसने शहरज़ाद में अपना सच्चा प्यार पाया। और यह सब हुआ कहानियों के जादू से।
राज्य में महल से लेकर गांव तक में फैली इस खबर ने लोगों के दिलों को एक नई उम्मीद से भर दिया। शहरज़ाद की कहानियों ने ना सिर्फ उसकी अपनी ज़िंदगी बचाई बल्कि पूरे राज्य को एक नवीन दिशा दिखाई।
और इस तरह अलिफ लैला की कहानियाँ बच्चों के मन, युवाओं के सपने और बुजुर्गों की यादों में बस गई। कहा जाता है कि शहरज़ाद की कहानियां आज भी उसी शहर में, रेत के धूल भरे बवंडरों के साथ गूंजती हैं, जिनमें हर रात एक नई दास्तान छिपी होती है, सिर्फ खोजने वाले का इंतज़ार करती हैं।