बहुत समय पहले की बात है, बगदाद शहर में हालिम नाम का एक युवक रहता था। हालिम की जिन्दगी बहुत ही साधारण थी, दिन भर की मेहनत के बाद भी उसके हाथ में आता था बस खाली समय। एक दिन उसे एक बूढ़े व्यक्ति ने जादुई चिराग की कहानी सुनाई और बताया कि यह चिराग एक खास गुफा में छुपा हुआ है।
हालिम जादुई चिराग की तलाश में निकल पड़ा। कई दिनों की जद्दोजहद के बाद वो खास गुफा तक पहुँचा। गुफा में प्रवेश करते ही उसने चिराग को ढूंढ निकाला। जैसे ही हालिम ने चिराग को रगड़ा, धुएं का एक गुब्बार निकला और एक जिन्न प्रकट हुआ। जिन्न ने हालिम को तीन इच्छाएं पूरी करने की पेशकश की।
हालिम ने बुद्धिमता से काम लेते हुए, पहली इच्छा में अपने लिए समृद्धि मांगी। दूसरी इच्छा में उसने अपने शहर की भलाई के लिए सूखे से निजात और पानी के नए स्रोत की मांग की। अंतिम इच्छा में उसने जादुई चिराग को उसी गुफा में वापस रख देने की इच्छा जताई ताकि कोई लालची इंसान इसका दुरुपयोग न कर सके।
जिन्न ने हालिम की सभी इच्छाएं पूरी कीं और हालिम ने भी अपने वचन के मुताबिक, जादुई चिराग को गुफा में ही छोड़ दिया। उसके इस कारनामे के चर्चे पूरे बगदाद में फैल गए और उसका नाम हो गया अमर।