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आलस की कीमत | Laziness Story for Kids in Hindi

Laziness Story for Kids in Hindi

मुन्ना एक छोटे से गांव में रहने वाला एक नन्हा लड़का था। वह बहुत होशियार और समझदार था, लेकिन उसे एक बुरी आदत थी – वह बहुत आलसी था। मुन्ना का आलस उसकी पढ़ाई, खेल और रोजमर्रा के कामों में भी झलकता था। उसकी मां अक्सर उसे समझाती कि आलस की वजह से उसके जीवन में बहुत परेशानियाँ आ सकती हैं, लेकिन मुन्ना की आदत नहीं बदल रही थी।

एक दिन, गांव में एक बड़ा मेला लगा। मुन्ना के सभी दोस्त मेले में जाने की तैयारी कर रहे थे और उसने भी जाने का फैसला किया। लेकिन मेले में जाने के लिए गांव के समीप स्थित एक बड़े पहाड़ को पार करना पड़ता था। मुन्ना ने आलस के कारण सोचा कि सुबह जल्दी उठकर जाने की बजाय वह थोड़ी देर और सो लेगा।

जब वह उठा, तो दोपहर हो चुकी थी। उसके सारे दोस्त पहले ही मेला पहुँच चुके थे। मुन्ना ने जल्दबाज़ी में तैयार होकर पहाड़ की ओर दौड़ लगाई। रास्ते में उसने देखा कि एक बूढ़ा व्यक्ति अपने खेत में काम कर रहा था। बूढ़े व्यक्ति ने मुन्ना को बुलाया और कहा, “बेटे, इस पहाड़ को पार कर मेला पहुँचने में समय लग सकता है। अगर तुम धीमी गति से चलोगे, तो तुम्हें रास्ते में कठिनाई नहीं होगी।”

लेकिन मुन्ना ने बूढ़े की बात नहीं मानी और तेजी से चलने लगा। पहाड़ पर चढ़ते-चढ़ते उसे बहुत थकान महसूस हुई। थोड़ी देर बाद, वह गिर गया और उसकी टांग में चोट आ गई। अब उसे और धीरे चलना पड़ा। जब वह मेला पहुंचा, तो शाम हो चुकी थी और मेला खत्म हो रहा था। उसके दोस्त उसे देखकर हैरान रह गए और बोले, “मुन्ना, तुम इतनी देर क्यों आ रहे हो?”

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मुन्ना ने सिर झुकारते हुए जवाब दिया, “मैंने सोचा थोड़ी देर से चलने में क्या गया, लेकिन अब समझ आ गया कि आलस कभी भी अच्छे परिणाम नहीं देता।”

वह उदास मन से घर लौटा और अपनी मां को सारी बात बताई। उसकी मां ने उसे समझाया, “देखो बेटा, आलस करने का यही परिणाम होता है। अगर तुम समय पर उठ जाते और जल्दी तैयारी कर लेते, तो तुम भी अपने दोस्तों के साथ मेला देख पाते।”

मुन्ना ने इस घटना से एक बड़ा सबक सीखा। उसने कसम खाई कि वह अब से आलस नहीं करेगा और अपनी जिंदगी को अच्छे तरीके से जीने की कोशिश करेगा। उसने अपने रोजमर्रा के काम समय पर करने शुरू कर दिए और अपनी पढ़ाई पर ध्यान देने लगा।

धीरे-धीरे, मुन्ना की यही आदत बनी और उसने अपनी मेहनत और सुधार से सबको प्रभावित कर दिया। गांव के सभी लोग उसकी तारीफ करते और वह अपने जीवन में सफल हुआ।

कहानी का संदेश है कि आलस से हमें सिर्फ नुकसान ही होता है। चाहे बड़े काम हो या छोटे, हर काम को समय पर और पूरी मेहनत से करना चाहिए। मुन्ना की तरह अगर हम भी अपने आलसी प्रवृत्ति को छोड़कर काम करें, तो निश्चित ही हम अपने जीवन में सफलता को प्राप्त कर सकते हैं।

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