Panchatantra

 कौवे और नाग (The Crows and the Cobra)

The Crows and the Cobra

एक बड़े बरगद के पेड़ पर, रहता था एक कौवों का जोड़ा,
पर उसी पेड़ की जड़ में, बसा था एक खतरनाक नाग बड़ा कोड़ा।
नाग की दहशत से, कौवे उस पेड़ पर आराम से रह ना पाते थे,
क्योंकि उनके अंडे और चूजे, वो नाग चुपके से खा जाते थे।

कौवों ने सोची ढेरों योजनाएँ, मगर कोई कारगर ना निकली,
उनकी चिंता दिन प्रतिदिन बढ़ती गई, दुःख की नदी में उनका जीवन बहती गई।
एक दिन उन्होंने मांगी सलाह एक बुद्धिमान कछुए से,
उसने दिया एक उपाय जो था बड़ा नायाब और बेहतरीन जैसे।

यह भी पढ़ें |  मित्रभेद: धर्मबुद्धि और पापबुद्धि (Fable of Dharma and Deceit)

“एक शिकारी का दाना चुरा लो, और उसे ले आओ नाग की मांद के पास,
जब शिकारी ढूँढेगा अपना दाना, तो साथ मिलेगा उसे यह घातक खास।”
कौवों ने मानी बात, और चुरा लाए शिकारी का चमकता हुआ मोती,
उसे रख दिया नाग की मांद के ठीक सामने रात में, चांदनी ज्यों होती।

यह भी पढ़ें |   ब्राह्मण, चोर, और राक्षस (The Brahmin, the Thief, and the Demon)

सवेरे जब शिकारी ने देखा उसका मोती चमकता उस पेड़ के पास,
वह वहां पहुंचा तीर कमान लेकर, उसकी आँखों में था प्रतिशोध का विश्वास।
नाग निकला उसी समय अपनी मांद से, गर्व से फन उठाए,
शिकारी ने उसे देखा और चला दिया तीर, नाग का अंत वहां आए।

कौवे जीत गए, उनकी चाल थी कामयाब,
उनके समझदारी और एकता ने दिलाई उन्हें राहत अबाब।
उन्होंने सीखा बुद्धिमत्ता से, बिना शक्ति संघर्ष किए,
कोई भी विजय पाई जा सकती है, ये सत्य उन्हें विदित हुए।

Share this Story :

पढ़ने लायक और भी मजेदार स्टोरी

Hindi Kahani
Panchatantra

मित्रभेद और मित्रलाभ (The Tale of Discord and Alliance)

किसी जंगल में एक बार हुआ कुछ अजूबा,करीब आए दो जानवर जो थे बहुत ही जुदा।एक था भोला भाला भेड़िया,
The Tortoise and the Geese
Panchatantra

कछुआ और हंस (The Tortoise and the Geese) पंचतंत्र से एक ज्ञानवर्धक कहानी

एक सुन्दर झील के किनारे रहता था एक कछुआ,साथ में उसके दो हंस भी थे, जो उसके ख़ास दोस्त बन