Hindi story : धरा सोच रही थी, और मन ही मन में अपने अतीत की यादों में खो गई थी। वह कभी टूटी फूटी अंबर की यादों से अच्छी तरह परिपूर्ण थी, कुछ ऐसे नजर आ रहे थे वो अतीत के साये। वह जिस भूल से भी अंबर के बारे में सोचती, उसे धरा के आँसू आ जाते थे।
कितने दिन बीत गए, और अब धरा का अतीत उसे क्या कह रहा था, यह वह नहीं समझ पा रही थी। खैर, उसके अतीत का दौर जब भी चलता है, तो उसे कितनी ही बार यह सोचता है कि क्या अंबर-धरा एक हो पाएँगे? क्या अंबर और धरा एक हो सकते हैं?
करीब ढाई साल बीत चुके थे जब धरा ने अंबर को छोड़ा था। इसके बाद भी उसका दिल उसमें ही बसा रहा था। वह कभी-कभी सोचती थी कि अंबर उसे माफ कर देगा, लेकिन कभी ऐसा कुछ नहीं हुआ। अंबर का चेहरा, उसकी मुस्कान, सब उसे याद आता रहता था। इसके बारे में सोचते वक्त उसका दिल उसे ख़ुशी मिलती थी, लेकिन उसी के साथ एक अजीब सी बेचैनी भी थी। धरा काफी परेशान थी।
फिर एक दिन, धरा ने सोचा कि अब वह और देर नहीं करती। वह अंबर के पास जाकर सब कुछ साफ कर देगी। उसने घबराते हुए दिल से तय किया कि पहले वह अंबर और फिर सबको यकीन दिखाएगी कि अंबर और धरा एक हो सकते हैं।
धरा की कहानी की आखिरी बारी थी, क्या उसे उसका पसंदीदा कुत्ता किट्टू मिल पाता? और क्या उसे अंबर से वह सच्ची मोहब्बत मिल पाती? धरा की तय किमत क्या थी?
आखिरकार, धरा की कहानी पूरी होकर रह गई। उसने अंबर को खोज लिया और कमबख़्त उसके साथ खुशियों की बहार लूट ली। वह अंबर के साथ खुशियां मनाने, गलियों में घूमने, और उसके साथ किट्टू के साथ खेलने लगी। आखिरकार, वह अंबर को फिर से पा लिया था और उसके जीवन का अंबर-धरा अब एक हो गया था।
इस कथा में धरा का सामना अपने अतीत से करते हुए उसके रिश्तों को लेकर जूझते हुए उसकी साहसिकता और सहानुभूति पर ध्यान केंद्रित किया गया है। यह कहानी रिश्तों और आत्म-परिचय के महत्वकांक्षी संदेशों को साझा करती है, जो वास्तविकता में हमारे जीवन में भी महत्वपूर्ण होते हैं।