एक बार की बात है, एक छोटे से गांव में एक हाथी रहता था। हाथी बहुत बड़ा और घने जंगल में रहने वाला था। वह किसी से नहीं डरता था और लोगों को अपनी शक्ति का एहसास कराना पसंद करता था।
एक दिन, गांव में एक कुत्ता भी था। वह कुत्ता छोटा और काफी होशियार था। वह लोगों के यहां बच्चों को खुश करने के लिए आया करता था।
हाथी और कुत्ता एक-दूसरे को पहले नहीं जानते थे, लेकिन एक दिन मिल गए। वे दोस्ती करने लगे और अच्छी तरह से बातचीत करने लगे। हाथी ने कहा, “मुझे बहुत खुशी हुई कि मैं तुम्हें मिला। मैं शायद दुनिया का सबसे बड़ा और ताकतवर जानवर हूँ।”
कुत्ता समझता था कि हाथी थोड़ा बड़ा और घमंडी है, इसलिए उसने कहा, “हाथी, मुझे मालूम है कि तुम बहुत बड़े हो, लेकिन फिर भी इंसान तुम्हें धकेलकर मार सकता है। और मुझे तो बहुत छोटा और दुर्बल होने की वजह से सबकुछ बचाना होता है।”
हाथी इस पर हँसते हुए कहा, “तुम ठीक कह रहे हो, लेकिन फिर भी मैं कभी बचने के लिए तुम्हारी मदद ले सकता हूँ। मैं तुम्हें अपनी शक्ति और ताकत से बनाया गया हूँ।”
कुत्ता गम्भीर रूप से बोला, “मैं जानता हूँ कि तुम कितने शक्तिशाली हो, लेकिन प्रेम और सहायता देने की क्षमता मेरे पास है।”
यह सुनकर हाथी सोच में पड़ गया। वह समझ गया कि शक्ति और ताकत के बावजूद, प्रेम और मदद कुछ भी नहीं होते हैं। हाथी ने खुद को आजमाकर देखने का फैसला किया और वह बच्चों के संगीतायन में से एक साझा करने के लिए खुद को मंडराने लगा।
यह देखकर कुत्ता बहुत खुश हुआ और उसने कहा, “हाथी, तुमने सबके दिल जीत लिए हैं। तुम्हारी हमारे गांव में बहुत जरूरत थी, जहां हमेशा खुशी और प्रेम की कमी महसूस होती थी।”
हाथी बहुत खुश हो गया क्योंकि उसने समझ लिया था कि हाथी और कुत्ता एक ही गुण रखते हैं – प्रेम और सहायता देने की क्षमता। यह बात हाथी के जीवन में एक महत्वपूर्ण सीख थी कि शक्ति और ताकत से भी बड़कर, प्रेम और सहायता का महत्व होता है।