हर कोने में संगम गूंजे, साहस गूंजे और जवानी… सहज गूंजे और जवानी..!
वीरों की है मां भूमि,
अद्भुत भूमि, न्यारी भूमि, प्यारी भूमि, भारत भूमि… अरे प्यारी भूमि भारत भूमि..!
मां भूमि में बसते अनेक जन,
गरीब बसते, अमीर बसते,
वीर बसते, वीरता का प्रतीक बसते..!
भूमि वीरों की धरोहर है,
मां भूमि के वीरों की गाथा हमें देती ताकत और अपार..!
मां भूमि के सिर पर खड़ा है विशाल हिमालय,
यहां बहती गंगा, जमुना, ब्रह्मपुत्र, गोदावरी, कृष्णा ये सभी होते हैं नदियों के नाम..!
यहां होती हैं बड़ी खदानें, अनबने जंगल, घने घने जंगल और पहाड़..!
हरी-भरी अपनी धरती पर उगले मोती, निकले सोना… उगले मोती, निकले सोना..!
जन-गण-मन इसी देश में…
रोटी महंगी क्यों रे भाई… शिक्षा पर कर क्यों रे भाई…
रोटी महंगी क्यों रे भाई, शिक्षा पर कर क्यों रे भाई..!
यहां हर सांस में बसी है एक कहानी,
भारत भूमि की अद्भुत बानी, जीवन में आन बान और महान कहानी..!