कभी-कभी ज़िन्दगी में प्यार उस मोड़ पर मिलता है जहां पर हम उसकी आस भी नहीं रखते। विशाल और अनन्या की कहानी भी कुछ ऐसी ही थी, दो अलग-अलग दुनिया से आए हुए दो दिल जो किस्मत के खेल में अचानक एक दूसरे से टकरा बैठे।
विशाल एक साधारण परिवार से था, लेकिन उसकी महत्वाकांक्षाएं आसमान छूने की थीं। वहीँ अनन्या एक अमीर परिवार की बेटी थी, जिसकी ज़िन्दगी में सुख-सुविधा की कोई कमी नहीं थी। इत्तेफाक से दोनों की मुलाकात एक नृत्य कक्षा में हुई। विशाल ने डांस को अपने जुनून के रूप में चुना था और अनन्या उसी नृत्य कक्षा में समय-पास के लिए आया करती थी।
जब वो दोनों पहली बार मिले, तो विशाल पर अनन्या की सुन्दरता का जादू चल गया, लेकिन अनन्या के लिए विशाल बस एक और डांस पार्टनर था। समय के साथ उनकी दोस्ती गहरी होती गई। वे दोनों देर रात तक एक-दूसरे के साथ बातें करते, सपने बुनते, और डांस स्टेप्स पर काम किया करते। अनन्या को विशाल की जीवटता और सादगी भाने लगी।
प्यार में पड़ना दोनों के लिए अनजाने में हुआ, पर एहसास देर से हुआ। जब तक अनन्या को समझ आया कि उसके दिल में विशाल के लिए जो भावनाएं हैं, वो सिर्फ दोस्ती से बढ़कर हैं, तब तक उसके माता-पिता उसकी शादी कहीं और तय कर चुके थे।
अनन्या ने अपनी जिंदगी में पहली बार अपने मन की बात सुनी और अपने माता-पिता से विशाल के बारे में बताया। पहले तो उनके माता-पिता नाराज़ हुए, लेकिन विशाल की मेहनत, उसके सपने और सबसे बढ़कर उसके सच्चे प्यार को देखकर वो मान गए।
आखिरकार, दोनों की शादी बड़े धूम-धाम से हुई। उस दिन, नृत्य हॉल में जहां उनकी मुलाकात हुई थी, दोनों ने एक बेहद खूबसूरत डांस परफ़ॉर्मेंस दिया, जिसे देखकर सबकी आंखें नम हो गईं। ये उनके प्यार का एक नया आगाज था।
जिंदगी उनके लिए अब एक संगीतमय सफ़र था, जहां उनका दिल उनकी धुनों पर नाचता था। जैसे-जैसे विशाल और अनन्या का प्यार परवान चढ़ता गया, उनका संगीत और भी मधुर होता गया।
‘दिल से दिल तक’ न केवल उनके प्यार का सफर था, बल्कि उनके सपनों का भी था।