रोशनगढ़ नामक द्वीप पर रहती थी एक खूबसूरत राजकुमारी, माही। माही की रातों की नींद हर बार एक अजीब ही सपने से अधूरी रह जाती। सपने में उसे एक परीकथा का द्वीप दिखाई देता जहां की हर चीज जादुई होती।
राजकुमारी माही निश्चय करती है कि वह सपने के इस द्वीप को हकीकत का रूप देगी। उसने अपने संगी-साथियों के साथ मिलकर उस द्वीप की खोज शुरु की। दिनों और रातों का सफर करते हुए माही उस द्वीप तक पहुँच जाती है, जो सचमुच में जादुई था।
द्वीप पर पहुंचकर उसने देखा कि यहां की प्रत्येक वस्तु जीवंत और जादुई थी। पेड़ पौधे गाना गाते, जानवर मिलकर नृत्य करते और पवन भी खुशी की धुन पे बहती। माही को एहसास हुआ कि यह द्वीप किसी के सपने की ही उपज है।
माही ने वहाँ बस रही परियों से मुलाकात की और उनकी दुनिया के बारे में जाना। परियों ने उसे जादुई शक्तियाँ भी सिखाई और सपनों को साकार करने का मंत्र भी दिया। माही ने उन परियों की मदद से अपने द्वीप को भी उसी तरह जादुई बना दिया।
वापस अपने द्वीप पर लौटकर माही ने अपने सपनों को साकार किया और उसे एक खूबसूरत जादुई भूमि में बदल दिया, जो रोशनगढ़ के लोगों के लिए एक नयी शुरुआत का प्रतीक बना।